Friday, April 24, 2020

मां की याद

दूर हूं मैं कितना तेरी याद  मुझे आती है
कोसो दूर से भी खुस्बो मुझे खींच लाती है

पहन ओड के जब मा तू घर से निकलती है
तेरी गोदी में ना जाने कितनी ममता झकलती  है

मुझे सुबह शाम जब जब संवारती है
मेरे गालों की जब  तू पपईयां लेती है


नज़र ना लगे तू माथे पे काला टीका लगाती है
में सुंदर हूं या मुझे तू सबकी नजरों से बचाती है


तेरी मोहब्बत बहुत तड़पाती है मुझे मां
तू यहां नहीं है मां ये बहुत स्ताते हैं मुझे मां

तेरी ना सुनू तो डाट - धौंस मुझे दिखाती है
आजा आज शाम को टिक्कड़ में खिलाती हूं

वो सब्द वो गुस्सा मुझे वो पल बहुत याद आते हैं
अकेला हूं तेरी तन्हाई में वो  मीठी बाते याद आती हैं

वो बे इन्तहा मोहब्बत करती है मुझ से
बात ना होती तो बहुत तड़पती है मुझ से   

खरोंच आ जाए जमी आसमां एक कर देती है
सच तो ये है मेरी मां बहुत प्यार करती है मुझ से




दूर बहुत है मोहब्बत गहरी है








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आशा की किरण

आशा की किरण आंखो मैं चम चमा रही है
और जिंदगी एक नाजुक मोड़ पर खड़ी है

अब चलते चलते कदम कहां रुक गए मेरे
अब ना जाने आशा के कदम थक गए मेरे


सफर तो सरू मैंने बहुत समय पहले किया
मंजिल की तलाश मैंने ना जाने क्या-2 किया

चाह है मंजिल की मुझे सब भूले बैठा हूं
झील मिल झील मिल आशा की किरण कर रहीं हैं

उठ उठ कर देख में  वोछार कर रहीं हूं
तू सो रहा है देख मैं तेरे घर से जा रहीं हूं

में आशा हूं सभी की किसी को मैं दिखती नहीं
जिसने किरणे देखी मेरी वो फिर कभी सोआ नहीं

चाहत तो है तुझे मेरी पर तेरी मुस्किल नाकाम रह गई
उठ उठ कर खड़ा हो आशा हूं तेरी मै आजे तेरी रह गई



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Thursday, April 23, 2020

कुछ पाना है

सुबह उठना है पर कुछ पाकर लौटना है
ना सब्द कभी नहीं सुना है
जो खुद से वादे किए थे वो पूरे करने हैं
आज खाली हाथ नहीं जाना है

कोन कोन किया करता है
वो महत्वपूर्ण नहीं है
तुम और वो किया करता है
वो महत्वपूर्ण है

तुम मैंने कितना दम है ये महत्पूर्ण है
लोग कहते हैं में ये कर दूंगा
 वो कर दूंगा पर करते नहीं
पंख तो सब के होते हैं उड़ता वही
 है जिसके पंखों में दम होता है
लोग अक्सर वादें करते हैं पर
वादे पूरे उन्हीं के होते हैं
जो कुछ करना चाहते हैं



















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